श्रीकृष्ण, और कृष्णमूर्ति || आचार्य प्रशांत (2013)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
३ नवम्बर, २०१३
अद्वैत बोधस्थल, नोएडा


मय्यावेश्य मनो ये मां नित्ययुक्ता उपासते।
श्रद्धया परयोपेतास्ते मे युक्ततमा मताः।।

(श्रीमद भगवद्गीता, अध्याय १२, श्लोक २)

प्रसंग:
अहंकार क्या है?
अहंकार कहाँ से आता है?
अहंकार कहाँ तक सीमित है?
निरहंकारिता क्या होती है?
श्रीकृष्ण, और कृष्णमूर्ति में क्या अंतर है?

संगीत: मिलिंद दाते

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