सोशल मीडिया पर किसी अखबार की पुरानी कटिंग फिर वायरल हो रही है। इसमें प्रकाशित आर्टिकल का शीर्षक है कि, 'गूगल के डायरेक्टर के खिलाफ मुकदमा, मोदी को बताया सबसे मूर्ख प्रधानमंत्री'। गूगल के सर्च रिजल्ट में 'World's Most Stupid Prime Ministers' लिखने पर पीएम मोदी की फोटो 2015 से ही आ रही है। 2015 में जब यह खबर मीडिया में आई थी तो तमाम मीडिया संस्थानों को इसको प्रकाशित किया था। इसके पहले गूगल सर्चिंग में 'Top 10 criminals in the world' लिखने पर भी पीएम मोदी की फोटो आंतकियों के साथ दिखाई गई थी। इसके भी कई मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित किया था। अब 2015 में प्रकाशित हुई रिपोर्ट्स ही इन दिनों फिर वायरल की जा रही हैं।
- दरअसल गूगल सर्च में जो रिजल्ट दिखता है वो गूगल का ओपिनियन नहीं होता। 2015 में हंगामा मचने के बाद गूगल ने खुद इस बारे में स्पष्ट करते हुए कहा था कि 'ऐसे नतीजे हमें परेशान करते हैं, और गूगल के विचारों के प्रति चिंतनशील नहीं हैं'। कभी-कभी इंटरनेट पर जिस तरह से इमेजेस का वर्णन किया जाता है, वह स्पेशिफिक क्वेरीज के लिए सरप्राइज करने वाले रिजल्ट दे सकता है।
इसके कारण हुई किसी भी उलझन या गलतफहमी के लिए हम क्षमा चाहते हैं। इस तरह के अप्रत्याशित रिजल्ट्स को रोकने के लिए हमने लगातार अपने एल्गोरिदम को उन्नत कर रहे हैं।
- गूगल ने यह भी स्पष्ट किया था कि टॉप 10 क्रिमिनल वाली क्वेरी के रिजल्ट में पीएम मोदी की फोटो एक ब्रिटिश डेली के कारण आ रही है, जिसने मोदी की फोटो के साथ भ्रामक मेटाडाटा इस्तेमाल किया था। गूगल के अनुसार, इमेज सर्च रिजल्ट्स विभिन्न न्यूज आर्टिकल के आधार पर तैयार हुए। इनमें पीएम मोदी की तस्वीर के साथ आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं के संबंध में उनका बयान था। मोदी और क्रिमिनल शब्द काफी ज्यादा इस्तेमाल हुए इसीलिए सर्चिंग रिजल्ट में मोदी की फोटो नजर आने लगी।
इसी तरह 'Prime Minister' और 'stupid' शब्द रायटर्स के एक आर्टिकल में आए थे। जिसका शीर्षक था 'भारत के नए नेता के साथ काम क्यों करें' यह अर्थव्यवस्था बेवकूफ (stupid) है?
stupid शब्द की मौजूदगी इस बात पर है कि अमेरिका को क्यों भारत की ज्यादा परवाह करना चाहिए। यही कारण है कि सर्च रिजल्ट में हम पीएम मोदी की तस्वीर देखते हैं।