वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
७ दिसम्बर २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
श्लोक (ईशोपनिषद्)
अन्धं तमः प्रविशन्ति येऽविद्यामुपासते।
ततो भूय इव ते तमो य उ विद्यायाँ रताः॥
प्रसंग:
क्या ज्ञान होना मूर्खता की निशानी है?
क्या अज्ञानी होना महापाप है?
क्या ज्ञान और अज्ञान के बिना भी जीवन सम्भव है?