अज्ञानी अंधेरे में, ज्ञानी और अंधेरे में || आचार्य प्रशांत, उपनिषद पर (2015)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
७ दिसम्बर २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

श्लोक (ईशोपनिषद्)
अन्धं तमः प्रविशन्ति येऽविद्यामुपासते।
ततो भूय इव ते तमो य उ विद्यायाँ रताः॥

प्रसंग:
क्या ज्ञान होना मूर्खता की निशानी है?
क्या अज्ञानी होना महापाप है?
क्या ज्ञान और अज्ञान के बिना भी जीवन सम्भव है?

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