श्रीकृष्ण ने गोपियों के चरणों का चरणामृत क्यों पिया? || आचार्य प्रशांत, भागवत पुराण पर (2017)

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वीडियो जानकारी:


एक बार गोकुल में बाल गोपाल बीमार पड़ गए।

कोई वैद्य, दवाई, जड़ी-बूटी उन्हें ठीक न कर पाए। गोपियाँ उनसे मिलने आई और उनकी ऐसी हालत देखकर उनकी आँखों में आंसू आ गए। भगवान ने उन्हें रोने से मना किया और उनसे कहा कि अगर वो चाहें तो वो ठीक हो सकते हैं। कृष्ण ने कहा तुम्हारे चरणों से बना चरणामृत मुझे मेरी बीमारी से मुक्त कर देगा। गोपियाँ ये सुनकर अचरज में पड़ गयी। उन्हें ये पाप लगा कि भगवान को अपना चरणामृत पिलायेंगें! तभी कृष्ण की प्रियतमा राधा आ गयीं। राधा को पता चला कि कृष्ण क्या इलाज बता रहे हैं तो तुरंत तैयार हो गयीं। राधा ने अपने चरणों को धोकर चरणामृत बनाया और कृष्ण को इसका पान करवाया। कृष्ण ने वो चरणामृत पीया तो वो स्वस्थ हो गए।

आख़िरी वाक्य कहता है कि अटूट प्रेम में इतनी शक्ति है कि वो विश्वाश और आस्था के साथ किये गए हर कार्य को सिद्ध कर देता है।


शब्दयोग सत्संग
१ जुलाई, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नोएडा

प्रसंग:
श्रीकृष्ण ने गोपियों के चरणों का चरणामृत क्यों पिया?
गोपियों के चरणों का चरणामृत का क्या संकेत है?
प्रेम क्या होता है?
श्रीकृष्ण और गोपियों के लीला को कैसे समझें?

संगीत: मिलिंद दाते

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