वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२२ मई, २०१८
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा
प्रसंग:
दुनिया से बेपरवाह होकर जिया जा सकता है क्या?
बेपरवाह होकर कैसे जिए?
जिंदगी में इतना ऊब क्यों है?
ऊब से मुक्ति कैसे पाएँ?
आदमी इतना बेचैन क्यों है?
क्या इंसान की चाह ही उसकी बेचैनी है?
संगीत: मिलिंद दाते