वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२८ मई २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
कुल करनी के कारने, ढिग ही रहिगो राम |
कुल काकी लाजि है, जब जमकी धूमधाम || (संत कबीर)
प्रसंग:
जीवन क्या है?
मृत्यु क्या है?
तुम्हारे जीवन पर जो हक पूरा दिखाते हैं, वो मौत के समय कहाँ छुप जाते हैं?