वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१८ मार्च, २०१८
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
बार-बार एक ही गलती क्यों होती है?
हमें अपनी गलती का एहसास कैसे हो?
गलती को न करने के क्या उपाय हैं?
हम जो भी गलती करते हैं, उसे गलती क्यों नहीं मानते हैं?
क्या गलती एक नहीं होती, उसकी पूरी श्रृंखला होती है?
गलत उम्मीद क्यों रखते हो?
कब मानोगे अपनी गलती?
संगीत: मिलिंद दाते