वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, फ्री हर्ट्स कैंप
१४ अप्रैल, २०१८
ऋषिकेश
‘योग से, साधना से, विद्या से, तपस्या से, जो प्राप्ति दुष्कर है, वो भक्ति से सहज ही हो जाती है।‘
~ बाणी महला
प्रसंग:
‘योग से, साधना से, विद्या से, तपस्या से, जो प्राप्ति दुष्कर है, वो भक्ति से सहज ही हो जाती है।‘ ऐसा क्यों कह रहें है बाणी महला?
भक्ति का स्थान सर्वोच्च क्यों?
भक्ति मार्ग क्या है?
भक्ति किसकी करें?
साधना करने की सबसे उचित विधि कौन सी है?
ज्ञान मार्ग और भक्ति मार्ग में क्या अंतर है?