वृत्तियों का दमन करें या नहीं? || आचार्य प्रशांत, योगवाशिष्ठ पर (2017)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२० अक्टूबर, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

“मनीषियों का साथ, आवृत्त वृत्तियों का त्याग, आत्म-जिज्ञासा, श्वास का नियंत्रण ये मनोविजय के साधन हैं।”
~ योगवाशिष्ठ

प्रसंग:
वृत्तियों का दमन करें या नहीं?
दमन का साधना में क्या उपयोग है?
क्या मन का दमन सदा गलत है?
मन का दमन कैसे करें?
वृत्तियों का प्रवाह कैसे रोकें?
क्या मन का दमन व्यर्थ है?
कैसे पता करे की मै मन का दमन कर रहा हूँ?
मन को केन्द्रित कैसे करे?
वृत्तियों का दृष्टा बनें या दमन करें?
दृष्टा होने का क्या अर्थ है?

संगीत: मिलिंद दाते

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