वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२८ अगस्त, २०१६
रमण महर्षि केंद्र, दिल्ली
प्रसंग:
दुनिया क्या है?
दुनिया इतनी बुरी क्यों दिखती है?
जब गॉड (God) दुनिया चला रहे हैं फिर भी बुरा क्यों होता है?
ईश्वर हमारे अंदर है या बाहर?
ईश्वर हमारे अंदर है तो हम उसे बहार क्यों खोजते हैं ?
अगर सच्चाई पता चलने से दुःख मिलता हो, तो क्या अज्ञानी बनें रहना ही अच्छा है?
अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है?
संगीत: मिलिंद दाते