संत के शब्द - एक आमन्त्रण || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2015)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२ जनवरी २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय |
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय ||
~ गुरु कबीर

प्रसंग:
क्या संत के शब्द - एक आमन्त्रण मात्र होता है?
"धीरे-धीरे रे मना" इस वक्तवय का क्या अर्थ है?

संगीत: मिलिंद दाते

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