वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२६ नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा
अष्टावक्र गीता (अध्याय ११ श्लोक ३)
आपदः संपदः काले दैवादेवेति निश्चयी।
तृप्तः स्वस्थेन्द्रियो नित्यं न वान्छति न शोचति||
प्रसंग:
कर्मफल माने क्या?
समय का क्या अर्थ है?
कर्मफल से मुक्ति कैसे पाएं?