वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, हार्दिक उल्लास शिविर
१२ अगस्त २०१८
नौकुचियाताल, उत्तराखंड
प्रसंग:
क्या मुक्ति सिर्फ किसी विरले को मिलता है?
कैसे जाने की मेरे अंदर मुक्ति का प्यास है?
क्या बुद्ध करोड़ों में एक ही होते हैं?
क्या बुद्ध हमलोग से अनूठा थे?
जब मुक्ति सिर्फ विरले को मिलती है तो फिर मै इसके लिए क्यों प्रयास करूँ?
संगीत: मिलिंद दाते