वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
७ नवम्बर २०१४
कैंचीधाम, उत्तराखंड
प्रसंग:
क्या मुक्ति सिर्फ किसी विरले को मिलता है?
कैसे जाने की मेरे अंदर मुक्ति का प्यास है?
क्या कबीर करोड़ों में एक ही होते हैं?
क्या कबीर हमलोग से अनूठा थे?
जब मुक्ति सिर्फ विरले को मिलती है तो फिर मै इसके लिए क्यों प्रयास करूँ?
करोड़ों में कोई एक ही कबीर क्यों होता है?
हम इतने मजबूर क्यों हैं?
संगीत: मिलिंद दाते