तुम्हारे प्रेम की गहराई ही तुम्हारे सुनने की गहराई है || आचार्य प्रशांत, कृष्णमूर्ति पर (2016)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
१२ सितम्बर २०१६
मुक्तेश्वर, उत्तराखंड

प्रसंग:
सुनने की गहराई से क्या अर्थ है?
सुनने की कला किसे कहते हैं?
क्या श्रवण ही साक्षी है हमारे जीवन का?
क्या सुनना जीवन से अलग हो सकता है?
क्या हम वही सुनते हैं जो हम सुनना चाहते हैं?
What is the real meaning of listening?

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