वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
३० जुलाई २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
हाथ सुमरनी पेट कतरनी, पढ़त भागवत गीता |
राम भजा सो जीता जग में, राम भजा सो जीता ||
प्रसंग:
कर्म छू नहीं सकता शब्द से भी पाएगा कौन, राम तक पहुँचेगा मन होकर मात्र मौन?
राम तक कैसे पहुँचोगे?
मौन का क्या आशय है?