मन अतीत और भविष्य की तरफ क्यों भागता है? || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)

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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
१३ फ़रवरी, २०१४
एम.आई.टी, मुरादाबाद

प्रसंग:
क्या भविष्य के बारे में सोचना व्यर्थ है?
अतीत से इतना जुड़ाव क्यों लगा रहता है?
अतीत की यादों से कैसे बचे?
अतीत का अच्छी बात या बुरी बात ही सिर्फ क्यों याद आती है?
वर्त्तमान में कैसे जीये?
भविष्य से डर क्यों लगता है?
वर्तमान माने क्या?
हम वर्तमान में क्यों नहीं जी पाते?
मन भविष्य की ओर क्यों भागता है?
हम कामों को भविष्य के लिए क्यों टालते हैं?
मन अतीत और भविष्य की तरफ क्यों भागता है?
जब जान जाते है कि अतीत और भविष्य एक कल्पना मात्र हैं फिर उसे बाहर क्यों नहीं आ पाता हूँ?
वर्त्तमान में कैसे जीए?

संगीत: मिलिंद दाते

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