वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
०७ जुलाई २०१५
कैंचीधाम, नैनीताल
दोहा:
बोली तो अनमोल है, जो कोई जाने बोल|
हृदय तराजू तोल के, तब मुख बहार खोल||
~ गुरु कबीर
प्रसंग:
विवेक का वास्तविक अर्थ क्या है?
अध्यात्म में विवेक का क्या महत्त्व है?
विवेक कब जागृत होता है मनुष्य में?
विवेक क्या है?
संगीत: मिलिंद दाते