ऊब, आकर्षण, जीवन और समझ || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)

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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
१२ सितम्बर, २०१४
एम.आई.टी, मुरादाबाद

प्रसंग:
जीवन क्या है?
जीवन का लक्ष्य क्या है?
जीवन कभी ऊब, कभी आकर्षण क्यों मालूम पड़ती है?
जीवन ऊबाऊ क्यों लगता है?
मन बहुत उदास और अशांत क्यों रहता है?
जीवन बासी और ऊब से भरा क्यों लगता है?
जीवन में उदासी क्यों छाई हुई है?
ऊब, डर और अकड़ में क्या सम्बन्ध है?

संगीत: मिलिंद दाते

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