वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२९ सितम्बर, २०१८
लखनऊ,उत्तर प्रदेश
प्रसंग:
मन किसी ख़ास रिश्ते को ही क्यों तलाशता है?
मन की तालाश कहाँ समाप्त होगी?
मन को जीवनसाथी की तालाश क्यों रहती है?
मन को वो कैसे मिले, जिसकी उसे तालाश है?
मन को कौन सा रिश्ता पूर्णता में स्थापित कर सकता है?