वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२८ सितम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
सूत्र (अध्याय-१३ सूत्र-२)
कुत्रापि खेदः कायस्य जिह्वा कुत्रापि खेद्यते।
मनः कुत्रापि तत्त्यक्त्वा पुरुषार्थे स्थितः सुखम्॥
प्रसंग:
असली स्वभाव कैसे जाने?
स्वभाव से कैसे जुड़ें?
स्वाभाव के साथ निरंतर कैसे बने रहें?