जन्म से पहले, मृत्यु के बाद || आचार्य प्रशांत, श्रीरामचरितमानस पर (2017)

Views 1

वीडियो जानकारी:


सुनहु राम स्वामी सन चल न चातुरी मोरी ।
प्रभु अजहूँ मैं पापी अन्तकाल गति तोरी ।।
~ रामचरितमानस

प्रसंग:
जन्म से पहले और मृत्यु के बाद क्या होता है?
रामचरितमानस का क्या महत्व है?
मृत्यु किसकी होती है?
जन्म और मरण के चक्कर छूटने का क्या अर्थ होता है?
क्या जन्म एक बंधन है?
शारीरिक और मानसिक मृत्यु में क्या भेद है?
राम तत्व क्या है? राम नाम की क्या महत्ता है?
संत तुलसीदास जी के दोहों को कैसे समझें?
रामचरितमानस को कैसे समझें?

जानें इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर, आचार्य प्रशांत जी द्वारा इस शब्दयोग सत्संग के माध्यम से-
....................................................................................


आचार्य प्रशांत
शब्दयोग सत्संग
०७ जून २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

संगीत: मिलिंद दाते

Share This Video


Download

  
Report form