वीडियो जानकारी:
If you hate a person, you hate something in him that is part of yourself.
~ Carl Gustav Jung
अकसर तुम्हें जिससे नफ़रत होती है उससे तुम्हें नफ़रत होती ही इसीलिए है क्योंकि वो बिलकुल तुम्हारे जैसा है।
प्रसंग:
हमे सिर्फ दुसरे में ही दोष क्यों दिखाई पड़ता है ?
अपने अन्दर की बुराईयों को कैसे जाने ?
दोष का अर्थ क्या है ?
दुसरे के दोषों से कैसे बचे ?
आचार्य प्रशांत
शब्दयोग सत्संग
३ फरवरी, २०१९
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा
संगीत: मिलिंद दाते