पुंगनूर गाय के दूध से तिरुपति बालाजी के अभिषेक का सच

DainikBhaskar 2019-11-11

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सोशल मीडिया पर एक गाय का वीडियो वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह पुंगनूर गाय है और इसी गाय के दूध से तिरुपति भगवान का अभिषेक होता है। 

- एक फेसबुक यूजर अनिता गुप्ता ने इसे शेयर करते हुए लिखा कि, इस गाय की कीमत 12 करोड़ रुपए है और यह प्रतिदिन करीब 100 लीटर दूध देती है। यह पुंगनूर गाय है। केवल इसी गाय के दूध से ही तिरुपति भगवान का अभिषेक होता है। इसको देखना शुभ माना गया है। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ओर भी दर्शन कर सकें।

- ऐसा ही दावा एक अन्य यूजर ने भी किया है, लेकिन इसमें वीडियो अलग है। इस वीडियो में सफेद रंग की गाय नजर आ रही है, जिसकी पूजा की जा रही है।

- पड़ताल में पता चला कि तिरुपति मंदिर ट्रस्ट का खुद का फार्म है, जहां अलग-अलग नस्ल की गाय रखी जाती हैं। मंदिर में सिर्फ पुंगनूर गाय का ही दूध इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि दूसरी नस्ल की गायों का दूध भी इस्तेमाल किया जाता है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम डेरी फार्म संचालित करता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फार्म में 3 हजार से ज्यादा गाय हैं।

- फार्म निदेशक हरनाथ रेड्डी के मुताबिक, मुख्य रुप से ओंगोल, गिर और साहिवाल नस्ल की गाय फार्म में हैं, इनके दूध का इस्तेमाल अन्य कामों के साथ ही अभिषेक के लिए भी किया जाता है। पुंगनूर गाय भी यहां हैं, लेकिन यह नस्ल विलुप्त होने की कगार पर है, इसलिए इसे विशेष सुरक्षा में रखा गया है। यह कुछ लीटर दूध ही देती हैं। फार्म का मुख्य मकसद इन गायों की सेवा करना है।

- इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में रेड्डी ने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो में नजर आने वाली गाय पुंगनूर नस्ल की नहीं हैं। सफेद गाय ओंगोल है और ब्राउन गाय गुजरात के गिर की है। पुंगनूर गाय की शारीरिक बनावट छोटी होती है। यह बौनी होती हैं और मवेशियों की सबसे छोटी नस्ल हैं।

पड़ताल में हमें द हिंदू की रिपोर्ट भी मिली जो यह बताती है कि पुंगनूर नस्ल को बचाने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं।

सिर्फ पुंगनूर गाय के दूध से बनने वाली घी से ही अभिषेक होने की बात भी झूठी है। अलग-अलग नस्ल की गायों के दूध से बनने वाले घी से भगवान का अभिषेक किया जाता है। पड़ताल से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो का दावा गलत है।

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