अयोध्या फैसले के चलते सभी कॉल की रिकॉर्डिंग का सच

DainikBhaskar 2019-11-06

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अयोध्या जमीन विवाद में फैसला कभी भी आ सकता है। सरकार के साथ ही प्रशासन भी अलर्ट है। इन्हीं सबके बीच अयोध्या विवाद से जुड़े कुछ फर्जी मैसेज भी सोशल मीडिया में वायरल हैं। ऐसा ही एक मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि अयोध्या फैसले के मद्देनजर कम्यूनिकेशन के नए नियम लागू होने वाले हैं। इनमें सभी कॉल की रिकॉर्डिंग होगी।



क्या वायरल

वॉट्सऐप पर वायरल मैसेज में लिखा है कि

*अयोध्या फैसला कल से नये communication के नये नियम लागू होने वाले हैं :-*

1. सभी कॉल की recording होगी।

2. सभी call recording saved होंगे  

3. Whatsapp, Facebook, Twitter और सभी Social media सभी monitored होंगे

4. जो ये नहीं जानते उन सभी को  सूचित कर दीजिये।

इसी तरह के करीब 13 पॉइंट शेयर किया जा रहे हैं।



- लेकिन जब दैनिक भास्कर मोबाइल ऐप को पड़ताल में पता चला कि यह बात सही है कि अयोध्या जमीन विवाद को लेकर आने वाले फैसले को देखते हुए सरकार अलर्ट है और सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस भी जारी की गई है लेकिन वायरल मैसेज में जो बातें लिखी हैं, वे पूरी तरह से सही नहीं हैं। अयोध्या पुलिस ने खुद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज का खंडन किया है।

- न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, अयोध्या में किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति और अफवाह से बचने के लिए यूपी सरकार ने गाइडलाइंस जारी की हैं। 4 पन्नों की गाइडलाइंस के तहत अयोध्या में लोग अगले दो महीने तक वॉट्सऐप, ट्विटर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर देवी-देवताओं पर किसी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।

- टीवी चैनलों को भी इस दौरान किसी तरह की डिबेट से बचने को कहा गया है। अयोध्या में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी गई है। अयोध्या डीएम अनुज झा द्वारा जारी किए गए आदेश में यह भी कहा गया है कि पब्लिक सर्वेंट्स के अलावा कोई भी व्यक्ति हथियार या विस्फोटक सामग्री लेकर पब्लिक प्लेस पर नहीं जाएगा।

- लाइसेंस हथियार लेकर भी किसी प्रोग्राम में जाने की अनुमति नहीं है। होर्डिंग्स, पोस्टर, बैनर पर भी रोक लगा दी गई है। भड़काऊ भाषण, रैली, पुतला जलाने जैसी चीजों पर भी रोक है।

- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कोई भी विवादास्पद तथ्य, फोटो शेयर नहीं करना है, जो किसी धर्म, समुदाय, देवी-देवता या जानीमानी हस्तियों के खिलाफ हों। कई यूजर्स ने भी इन जानकारियों को शेयर किया है।

- सरकारी आदेश में कहीं भी किसी का फोन रिकॉर्ड करने, किसी डिवाइस को मंत्रालय से जोड़ने जैसी कोई बात नहीं लिखी गई है। हालांकि भड़काऊ तथ्य शेयर करने, किसी समुदाय विशेष को टारगेट करने या सौहार्द बिगाड़ने वाले मैसेज, वीडियो शेयर करने पर आप कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं। इसलिए ऐसा कोई भी तथ्य शेयर न करें जो देश की एकता को खत्म करने का काम करे।  

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