अतीत को कैसे भूलें? क्या इंसान ही भगवान है? || आचार्य प्रशांत (2018)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२३ जून २०१८
रानीखेत, उत्तराखंड

प्रसंग:
अतीत क्यों याद आता है?
ऐसा क्यों लगता है जो हो रहा है वो पहले भी हो चुका है?
क्या जो पहले हूँ चुका है वही दुबारा हमारे साथ होता है?
अतीत क्या है? क्यों कहा जाता है कि इन्सान ही भगवान है?
क्या वाकई इंसान भगवान होता है?

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