जीवन जीने की कला || आचार्य प्रशांत (2018)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्र
१८ अप्रैल, २०१८
लखनऊ

प्रसंग:
किसी भी काम को करने में मन क्यों नहीं लगता है?
क्या मन के लिए अध्यात्म और तन के लिए व्यायाम जरुरी है?
माया के खेल को कैसे समझें?
जीवन के खेल को कैसे समझें?
जीवन जीने की कला क्या है?
सुख-दुःख में समान कैसे रहें?
समदृष्टि कैसे लाएँ?
क्या अध्यात्म जीवन जीने की कला है?
क्या अध्यात्म इसलिए है कि जीवन सुन्दर हो सके?

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