देश में बड़े नोटों पर लागू पाबंदी के बाद कालाधन रखने वालों की नींद हराम हो गई है। बैंक खातों की जमा राशि में जिस रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है उससे यह बात साफ हो रही है कि कालाधन उम्मीद से कही गुना ज्यादा है। इस बारे में बैंकों की तरफ से सूचनाएं वित्त मंत्रालय को भेजी जा रही हैं। सूचनाओं अनुसार छोटे-मोटे कारोबारी समुदाय और खेती कार्य में लगे लोगों के खाते में भी खूब राशि जमा हो रही
है। मध्यप्रदेश में ही अब तक 2.25 करोड़ जन-धन खातों में 5 दिन में 1,200 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसमें से 60 लाख खाते तो ऐसे हैं जिनमें 8 नवंबर से पहले जीरो बैलेंस था। प्रदेश की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम ने पुष्टि की है कि निष्क्रिय पड़े खातों में तेजी से धन जमा हो रहा है। बताया जाता है कि जिन शाखाओं में लॉकर हैं वहां रोज 2-3 की अपेक्षा अब 15 से 20 लॉकरों के संचालन के लिए उनके मालिक सामने आ रहे हैं। नोएडा स्थित एक निजी बैंक में काम करने वाले अधिकारी ने बताया कि एक स्थानीय शिक्षक ने 13 लाख रुपए जमा करवाए और पूछने पर बताया कि
एक प्रॉपर्टी विवाद में उसे ये रुपए मिले थे। लेकिन अब इस पर जो भी जुर्माना होगा, देकर वह उसे सफेद बनाना चाहता है। इस तरह के कई उदाहरण सामने आ रहे हैं।