लश्कर-ए-तैयबा पर नकेल कसते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान आधारित इस आतंकी समूह की छात्र इकाई अल-मुहम्मदिया स्टूडेंट्स को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है और इसके दो शीर्ष नेताओं पर प्रतिबंध लगाया है जबकि लश्कर-ए-तैयबा को अमेरिका ने 2001 में ही आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि पहली बार आतंकवादी संगठन घोषित होने के बाद लश्कर ने अपना नाम बदलना शुरू कर दिया था और मुखौटा संगठन बनाए ताकि प्रतिबंधों से बचा जा सके। उसने कहा कि इस संदर्भ में अल-मुहम्मदिया स्टूडेंट्स लश्कर-ए-तैयबा की छात्र इकाई है। साल 2009 में अस्तित्व में आया यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित है और उसने भर्ती से संबंधित पाठ्यक्रमों और युवाओं के लिए दूसरी
गतिविधियों को लेकर लश्कर के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर काम किया है। साथ ही, अमेरिकी वित्त विभाग ने लश्कर-ए-तैयबा के दो शीर्ष नेताओं मुहम्मद सरवर और शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया। ये दोनों पाकिस्तान में रहते हैं।