भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को स्कैटसैट-1 और 7 अन्य उपग्रहों के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी35 का श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण स्थल से सुबह 9.12 बजे प्रक्षेपण किया। प्रक्षेपण की लांचिंग के लिए 48 घंटे 30 मिनट की उल्टी गिनती शनिवार सुबह 8.42 बजे शुरू हुई थी। यह पूरा मिशन 2 घंटे 15 मिनट और लगभग 33 सेकंड का है। यह इसरो का अब तक का सबसे लंबा मिशन है। इसकी दूसरी खासियत यह है कि इसमें उपग्रहों को अलग-अलग ऊंचाई वाली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
पीएसएलवी से प्रक्षेपित होने वाले 8 उपग्रहों में भारतीय और दूसरे देशों के उपग्रह शामिल हैं। इनमें भारत के तीन, अमेरिका का एक, कनाडा का एक और अल्जीरिया के तीन उपग्रह हैं। तीन भारतीय उपग्रहों में से 'प्रथम' उपग्रह को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के छात्रों ने विदेशी विश्वविद्यालय की मदद से तैयार किया है। दूसरे उपग्रह पिसाट को पीईएस विश्वविद्यालय बेंगलुरु ने तैयार किया है। स्कैटसैट-1 प्रारंभिक उपग्रह भी है, जो मौसम की भविष्यवाणी करने और चक्रवातों का पता लगाएगा।