मध्यप्रदेश के उज्जैन में शुक्रवार को हनुमान जयंती पर ब्रह्ममुहूर्त से शुरू हुए सिंहस्थ कुंभ के पहले शाही स्नान के दिन लाखों श्रद्धालुओं ने क्षिप्रा नदी में पवित्र स्नान किया। क्षिप्रा नदी के तट पर महाकाल की नगरी उज्जैन में सुबह पांच बजे से दत्त अखाड़ा क्षेत्र में शैव संप्रदाय के नागा साधुओं के एकत्रित होने का क्रम शुरू हो गया था। सबसे पहले नागा साधुओं ने क्षिप्रा में डुबकी लगाई। इसके बाद जूना अखाडा के पीठाधीश स्वामी अवधेशानंद महाराज ने परंपरा के अनुरूप मंत्रोच्चारण के साथ डुबकी लगाई। इस दौरान सिंहस्थ के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने भी क्षिप्रा में डुबकी लगाई। विभिन्न अखाडों के साधु-संत धर्मध्वजाएं और त्रिशूल लेकर घाटों पर पहुंचे। सभी घाट सिंहस्थ के पहले दिन धार्मिक नारों से गूंजते रहे। अखाड़ों के स्नान के बाद आम जनता ने क्षिप्रा में पवित्र स्नान किया। सिंहस्थ का आयोजन 21 मई तक तक चलेगा। दूसरा शाही स्नान नौ मई अक्षय तृतीया और तीसरा व अंतिम शाही स्नान 21 मई को प्रस्तावित है। एक माह की अवधि में पांच करोड़ लोगों के आने की संभावना है।