दारा सिंह के लिए प्रत्यके दिन की शुरुआत एक मिशन से होती है। ऐसा मिशन जिसमें 230 बच्चे दारा सिंह के स्कूल में आते हैं और उनकी आंखों में बड़े बड़े सपने होते हैं। नियमित रूप से शांतिपूर्ण तरीके से चल रही स्कूल की दैनिक दिनचर्या के बीच दारा सिंह ने अपने उस अतीत के बारे में बताया जो कि गुनाहों से भरा था। दारा सिंह को ड्रग लेने की आदत थी और उनका सारा जीवन सिगरेट और गुनाह करने में ही बीता। अब सवाल यह उठता है कि दारा सिंह की जिंदगी में ऐसा बदलाव कैसे आया। एक अपराधी से एक मानवतावादी तक का सफर किसी चमत्कार से कम नहीं है। दारा सिंह इसका श्रेय श्री श्री रविशंकर द्वारा स्थापित आर्ट ऑफ लिविंग के यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम को देते हैं। दारा सिंह की कहानी समर्पण और प्रतिबद्धता की कहानी है। इंटरनेशनल डे फॉर ड्रग एब्यूज़ के अवसर पर उनकी जिंदगी व बदलाव हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। देखें वीडियो...