POP Ganesh idols ECO Friendly Immersion at Home|Tips & Tricks ! Eco Friendly Ganpati Visarjan|

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गणपति बप्पा को विदा करने की पूरी विधि |Eco Friendly Ganpati Visarjan
Ganesh idols immersion pollutes rivers, lakes and wells!
star6 Lakh idols sold every year in Pune alone
star5 Lakh idols are made out of Plaster of Paris (POP)
starPlaster Paris does not dissolve in water
starLarge quantities of partially submerged pieces of idols choke the rivers
starPaints used for the idols cause harm to marine life and pollute the water
starLarge volume of water is used for immersion of idols

What is the best method to dissolve Ganesha idols, made of POP/
To dissolve Ganesh idols which are made of POP simply take that much water in which idol is completely merged and add ammonium bicarbonate equal to weigh of idol. Chemical reaction takes place and we will get ammonium sulphate which fertilizer and calcium carbonate (by product) used to make chalks

For Ganesh idol immersion...
Follow an Eco-friendly Solution!!!
Benefits
starPrevention of water pollution on large scale
starLiquid residue can be used as fertilizer for plants
starMultiple uses of calcium carbonate (sludge) which is a by-product
starVery simple to implement!

Let's celebrate an eco-friendly Ganesh Festival!!!
starThis eco-friendly process can be implemented for idols at home and at the mandals.

source-http://oss.ncl.res.in/Jalaabhishek/index.html

जानें गणपति बप्पा को विदा करने की पूरी विधि
गणेशोत्सव गणेश चतुर्थी के दिन शुरू होता है और इसकी समाप्ति अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ होती है। चतुर्थी पर्व के दौरान हर उम्र के भक्त गणपति बप्पा की सेवा में लग जाते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं।
इस पर्व के दौरान गणेश जी की पूजा डेढ़, तीन, सात या फिर नौ दिनों के लिए की जाती है। ये भक्त पर निर्भर करता है कि वो कितने दिनों के लिए एकदन्त को अपने पास रखना चाहते हैं। इस पूजा की समाप्ति के बाद जल में उनका विसर्जन कर दिया जाता है। लोग उन्हें नदी या फिर समुद्र के जल में प्रवाहित करते हैं। हम आपके लिए गणेश विसर्जन की पूरी विधि लेकर आए हैं।
गणेश विसर्जन पूजा विसर्जन की प्रक्रिया चतुर्थी तिथि से दसवें दिन यानि अनंत चतुर्दशी के दिन पूर्ण की जाती है। विसर्जन वाले दिन पहले की ही भांति गणेश पूजा करें। उन्हें ताज़ा फूलों की माला, ताज़े फूल और फल चढ़ाएं। इसके साथ पान का पत्ता, सुपारी और लौंग इस पूजा के दौरान ज़रूर चढ़ाएं। उनकी आरती करें और ॐ गं गणपतये नम: का जाप करें।
क्या है गणेश विसर्जन की कथा इस कथा के अनुसार एक बार महर्षि वेद व्यास ने भगवान गणेश से प्रार्थना करते हुए उनसे महाभारत लिखने का आग्रह किया जिसका वर्णन वो खुद करते। गणेश जी इस शर्त पर राज़ी हुए की वो बिना रुके एक ही बार में महाभारत की कथा उन्हें कहें। वेद व्यास जी मान गए और उन्होंने आंखे बंद करके महाभारत की कथा कहनी शुरू की। उन्होंने दस दिन बाद इसे पूरा करते हुए अपनी आंखें खोली और वह चतुर्दशी का दिन था। लगातार लिखते रहने के कारण गणेश भगवान का शरीर आग की तरह तप रहा था। महर्षि ने उन्हें पानी के कुंड में डुबकियां दिलवाई ताकि उन्हें आराम मिल सके। इस वजह से गणेश विसर्जन की ये प्रथा आज भी उनके भक्तों द्वारा पूरी की जा रही है।

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