उदित बर्सले. वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं पीवी सिंधु की कामयाबी का राज दूसरों से कुछ अलग है। बैडमिंटन कोर्ट पर सिर्फ जीत के इरादे से उतरना उनका इकलौता लक्ष्य नहीं होता। वे कोर्ट पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के इरादे से उतरती हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा 21 मैच खेलने वाली महिला खिलाड़ी बनीं सिंधु ने भास्कर APP से बातचीत में कहा कि खिलाड़ी किसी भी देश का हो, वह फॉर्म में होता है। जो अपना सौ फीसदी देता है, वही जीतता है। सिंधु अपनी कामयाबी का श्रेय लंबे समय उनके कोच रहे पी. गोपीचंद समेत नई दक्षिण कोरियाई कोच किम जी ह्यून को भी देती हैं। सुनें सिंधु से बातचीत के अंश...