(पानीपत). कनाडा में चार लाख रुपए महीने की नौकरी, खुद का घर और स्थायी नागरिकता होने के बावजूद करनाल के नितिन ललित ने अपने स्टार्टअप के लिए यह सब छोड़ दिया। उन्होंने यह फैसला इसलिए किया, क्योंकि वे अपने देश में वेस्ट मटेरियल से पानी बचाने वाले गमले बनाकर घर-घर पहुंचाना चाहते थे। 2016 में भारत वापसी के बाद इस सपने को पूरा करने में उन्हें 3 साल लग गए। नितिन बताते हैं कि जितनी सेविंग कनाडा में की थी, लगभग सारी इस प्रोजेक्ट में लग गई। डिजाइन, तकनीक, साइंस और कड़ी मेहनत के बाद नितिन अब 40% वेस्ट मटेरियल से वॉटर सेविंग गमला बनाने में कामयाब हुए हैं।