मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित वृन्दावन के भक्ति वेदांत अस्पताल में ऐसे रोगियों को भर्ती किया जाता है, जिन पर दवाओं ने असर करना बंद कर दिया हो। यहां सेवाएं देने वाले लोग इसे हॉस्पिटल न कहकर हॉस्पिस कहते हैं। जो रोगी जिस धर्म से ताल्लुक रखता है, उसे उसके पवित्र ग्रंथ में लिखे जीवन के संदेशों से रू-ब-रू कराया जाता है। ‘भास्कर’ से बातचीत में भक्ति वेदांत अस्पताल के प्रबंधक जय भारद्वाज बताते हैं, ‘‘हमारी कोशिश रहती है कि अंतिम समय में जितना हो सके, मरीज को अध्यात्म के उतना करीब ले जाया जाए। उन्हें हम एक आध्यात्मिक माहौल देने के साथ जीवन के सबसे बड़े सत्य मृत्यु के बारे में जागरुक करने की कोशिश करते हैं।’’11 साल में 1600 मरीजों ने इस अस्पताल में अंतिम सांस ली। भक्ति वेदांत अस्पताल की स्थापना 2008 में हुई थी।