Indigenously developed NAG – 3rd Generation Anti- Tank Guided Missile (ATGM) has successfully undergone series of user’s trails at Pokhran Field Firing Ranges.
भारत अपने रक्षा क्षेत्र को तेजी से मजबूत करने में लगा है। एक तरफ जहां राफेल के आने से भारतीय वायुसेना को मजबूती मिलेगी वहीं स्वदेशी एंटी टैंक मिसाइल 'नाग' के सफल परीक्षण से थल सेना के भी हौसले बुलंद हैं। भारतीय सेना ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। ऐसे में अब इसके सेना में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। नाग का परीक्षण 7 से 18 जुलाई के बीच किया गया। थर्ड जेनरेशन गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल 'नाग' का निर्माण इस साल के अंत में शुरू हो जाएगा। अब तक इसका ट्रायल चल रहा था। साल 2018 में इस मिसाइल का विंटर यूजर ट्रायल किया गया था। भारतीय सेना 8 हजार नाग मिसाइल खरीद सकती है जिसमें शुरुआती दौर में 500 मिसाइलों के आर्डर दिए जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि नाग का निर्माण भारत में मिसाइल बनाने वाली कंपनी 'भारत डायनामिक्स लिमिटेड' करेगी जिसका कार्यालय हैदराबाद में स्थित है। 'नाग' मिसाइल सभी मौसम में दुश्मनों के पूरी तरह सुरक्षित टैंकों को न्यूनतम 500 मीटर और अधिकतर चार किलोमीटर की दूरी से भेदने की क्षमता के साथ विकसित की गयी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परीक्षण सफल होने पर डीआरडीओ को मुबारकबाद दी है।
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