मिर्जापुर. जिन हाथों से हुए जुर्म ने उन्हें सलाखों के पीछे ढकेल दिया था, अब वही हाथ हुनर के साथ कमाई का जरिया भी बन बैठे। बात हो रही जिला कारागार मिर्जापुर में निरुद्ध बंदियों की। यहां 12 बंदियों ने कालीन व दरी बुनाई का प्रशिक्षण हासिल किया। बंदियों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद अब जर्मनी की बाजार में धूम मचाएंगे। बंदियों का कहना है कि इससे उन्हें आर्थिक मुनाफा के साथ सजा पूरी होने के बाद जीने का एक जरिया भी मिल गया है।