नई दिल्ली. 17वीं लोकसभा के पहले दिन सोमवार को नवनिर्वाचित सासंदों के साथ भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी शपथ ली। शपथ के दौरान उनके नाम को लेकर विवाद हो गया। प्रज्ञा ने नाम के आगे आध्यात्मिक गुरू का नाम जोड़ा। इस पर विपक्षी सांसदों ने विरोध जताया और नारेबाजी की। प्रज्ञा ने संस्कृत में शपथ ली और भारत माता की जय के नारे के साथ इसे खत्म किया। प्रज्ञा ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल से चुनाव जीता।