साल 1966, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे एक भारतीय छात्र को उसके पिता की मौत की खबर मिलती है। वो आनन-फानन में पढ़ाई छोड़कर भारत लौटता है और सिर्फ 21 साल की उम्र में पिता का 13 करोड़ रुपए का बिजनेस संभाल लेता है..ये 13 करोड़ रुपए महज एक नंबर हैं, जिससे पता चलता है कि कैसे कोई बिजनेस 13 करोड़ से 1 लाख 76 हजार कराेड़ रुपए का हो जाता है। इसे इस मुकाम पर पहुंचाने वाला ये शख्स कोई और नहीं, बल्कि भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अजीम प्रेमजी हैं. 53 साल से विप्रो कंपनी संभाल रहे प्रेमजी अब 73 साल की उम्र में रिटायर हो रहे हैं..उन्होंने कंपनी की बागडोर अपने बेटे रिशाद प्रेमजी को सौंप दी है. आज की कहानी विप्रो और अजीम प्रेमजी की..