आज मदर्स डे है और हम आपको एक ऐसी मां की कहानी बताने जा रहे है जो स्वयं असहाय व वृद्ध होने के बावजूद अपने 40 वर्षीय मानसिक विक्षिप्त पुत्र की सेवा कर अपना कर्तव्य निभा रही है. दरअसल राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक मां बेबस है. बेबस है अपने बेटे की बीमारी के सामने और ना चाहते हुए भी इस मां को वो करना पड़ा रहा है, जो कभी कोई मां अपने बच्चे के लिए सोच भी नहीं सकती. 40 साल का उस्मान मानसिक बीमारी से ग्रसित है. बेटे की बीमारी मां की मजबूरी और लाचारी बन गई, मानसिक रोगी होने की वजह से बेटे का गुस्सा बढ़ गया है. डर है कि किसी को नुकसान ना पहुंचाए, इसलिए इस मां को खुद ही अपने बेटे को जंजीरों में कैद करना पड़ा.परिवार की बात करें तो उस्मान के चाचा उसकी बाकी जरूरतों का ख्याल रखते हैं. वहीं बुढ़ापे में भी बेटे की देखभाल करते हुए ये मां थक जरूर गई है, लेकिन हारी नहीं है.