1967 में मध्यप्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ हो रहे थे। ग्वालियर राजघराने की विजयाराजे सिंधिया कांग्रेस छोड़ चुकी थीं। वह तय नहीं कर पा रही थीं कि किस पार्टी से चुनाव लड़ा जाए। उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए करैरा सीट से जनसंघ उम्मीदवार के तौर पर गुना लोकसभा सीट से स्वतंत्र पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। वह दोनों ही चुनाव जीतीं।