अपने हालातों से हारना नहीं लड़ना सीखो - संजय लोढ़ा

DainikBhaskar 2019-04-23

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नासिक की एक निम्न मध्यम-वर्गीय परिवार में पैदा हुए संजय लोढ़ा ऐसे ग्रामीण परिवेश से आते हैं, जहाँ बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था। संसाधनों के अभाव और ऐसे परिवेश में रहते हुए भी संजय ने बड़े सपने (Big Dream) देखे और सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत जी-तोड़ मेहनत की। संजय का शुरू से मानना था कि अपनी आर्थिक स्थिति को वो केवल शिक्षा के ज़रिये ही सुधार सकते हैं। इसी क्रम में उन्होंने शिक्षा को गंभीरता से लिया और इसी क्षेत्र में मेहनत (Hard Work) करते हुए आगे बढे। उनकी मेहनत उस समय रंग लाई, जब उन्हें अमेरिका जाकर पढने का मौका मिला। यहाँ उन्होंने अपनी मेहनत (Hard Work) के बल पर पहले इंग्लिश सीखी और खुद को साबित करते हुए करते हुए कॉलेज में अव्वल नम्बरों से पास हुए, जिसके बाद अमेरिका की ही एक कंपनी ने उन्हें अपने यहाँ नौकरी पर रख लिया। संजय की जिंदगी में ये एक ऐसा पड़ाव था, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने Success की कहानी लिखी। अमेरिका से लौटने के बाद संजय ने खुद का Successful बिज़नस स्थापित किया। आज उनका कारोबार करीब 10,000 करोड़ का हो गया है। इसके अलावा उन्होंने अपनी जन्मभूमि नसिक में ही Entrepreneurship की शुरुआत की।



 



- Josh Talks Hindi

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