कर्नाटक के ओल्ड मैसूर क्षेत्र की 11 सीटें | बेंगलुरु (उत्तर), बेंगलुरु (दक्षिण), बेंगलुरु (सेंट्रल), बेंगलुरु (रूरल), तुमकुर, मांडया, मैसूर, चामराजनगर, चिकबल्लापुर, कोलार और हासन।
इलेक्ट्रॉनिक सिटी (बेंगलुरु साउथ) की सोसायटी में रहने वाले ए एस पटेल शुक्रवार रात इस उत्साह से घर लौटे कि कल वीकेंड है, देर तक सोऊंगा। घर पहुंचे ही थे कि पता चला-पानी नहीं है। पानी का टैंकर रात ढाई बजे आना था। एक झपकी ले ली...पता चला टैंकर भी चला गया। हड़बड़ाहट में सुबह पांच बजे नींद खुली तो पानी की याद आई। इस बार चूकते तो पानी नहीं मिलता। भारत यात्रा के इस सफर में मेरा एक रात्रि विश्राम मेरे मित्र पटेल के घर पर भी था...इसलिए देश की सिलिकॉन वैली में पानी का ऐसा संकट मैंने खुद महसूस किया। बहरहाल, पटेल साहब और मैं पावर नैप लेकर सुबह-सुबह घूमने निकल पड़े। रास्ते भर पटेल साहब पानी पर बड़बड़ाते रहे। अचानक चमचमाते फाइटर प्लेन का स्टेच्यू दिखा। मैंने पूछा-क्या नया लगा है? कैब ड्राइवर मंजूनाथ बोला-नया नहीं है, एयरस्ट्राइक के बाद पेंट किया गया है। पटेल साहब भी पानी से यू टर्न मारते हुए एयरस्ट्राइक पर आ गए। बोले- इस बार अच्छा किया, जो हम बम बरसाकर आ गए। इसलिए कहते हैं- मोदी है तो मुमकिन हैं। इसके बाद तो पानी कहीं छूट गया और दिनभर गांधी परिवार की राजवंशी राजनीति पर उनका जुबानी एयरस्ट्राइक चलता रहा।