दिल्ली के निर्भया गैंगरेप और मर्डर कांड के बाद जब देश का कानून बदला था, तो उम्मीद थी कि अब बेटियां सुरक्षित रहेंगी । लेकिन, ये उम्मीद अब टूटती नजर आ रही है । यूपी से उन्नाव से लेकर जम्मू-कश्मीर के कठुआ तक बेटियों के साथ बर्बरता की घटनाओं के बाद सिस्टम से भरोसा उठने लगा है । इंसानियत शर्मिंदा हो रही है.
यूपी की राजनीति में भूचाल बनकर आए उन्नाव गैंगरेप मामले में पीड़िता अभी तक इंसाफ के लिए गुहार लगा रही है । एसआईटी की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो के तहत एफआईआर दर्ज की है, लेकिन आरोपी विधायक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस तैयार नहीं है । वहीं जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 4 महीने पहले 8 साल की मासूम बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई । पूरी प्लानिंग के साथ पहले बच्ची को अगवा किया गया । फिर उसे मंदिर में बंधक बनाकर नशीली दवाइयां खिलाकर 4 दिन तक गैंगरेप किया गया । रेप करने के लिए मुख्य आरोपी ने मेरठ से अपने नाबालिग भतीजे को भी कठुआ बुला लिया । एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर ने मारने से पहले ये कहकर बच्ची का रेप किया कि आखिरी बार ।
बेटियां संग बर्बरता की इन घटनाओं का सबसे डरावना पहलू ये है कि पीड़ित बच्चियों को इंसाफ दिलाने की बजाय पूरी बेशर्मी से कुछ लोग आरोपियों का समर्थन कर रहे हैं । उन्नाव गैंगरेप के आरोपी विधायक के समर्थन में घटिया दलीलें दी जा रही हैं, तो डीजीपी की राय में रेप के आरोपी कुलदीप सेंगर माननीय हैं । वहीं कठुआ में मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी के आरोपियों का समर्थन जम्मू के वकील कर रहे हैं । हिंदू एकता मंच नाम का एक संगठन आरोपियों की गिरफ्तारी को हिंदुओं पर हमला बताने में जुटा है.
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