बुधवार का दिन देश की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने वाला रहा. ब्रह्मोस सूपरसॉनिक मिसाइल का लडाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से पहला परिक्षण किया गया जो कि अपने पहेल ही प्रयास में सफल रहा. ब्रह्मोस सूपरसॉनिक मिसाइल का वजन 2.9 टन होता है लेकिन परिक्षण के वक्त इसका वजन 2.4 टन रखा गया था. ब्रह्मोस मिसाइल को दो इंजनों वाले सुखोई विमान से बंगाल की खाडी में छोड़ा गया. सुखोई विमान से ब्रह्मोस को छोडने का परिक्षण परिक्षण पहली बार किया गया है. इस परिक्षण के सफल होते ही भारत ने इतिहास बना दिया है. ब्रह्रोस मिसाइल की खासियतों की बात करें तो ये मिसाइल हवा से सतह में मार करने में सक्षम है.
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