मैच शास्त्रार्थ महाविद्यालय की हीरक जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में हुआ। संस्कृत में कमेंट्री सुनकर दर्शकों की तालियां खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन कर रहीं थीं। संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में टीका-त्रिपुंड लगाये धोती-कुर्ता पहने बटुक जब हाथ में बल्ला लेकर पिच पर खड़े हुए यह खेल तब और मजेदार हो गया जब क्रीड़ावृत्त प्रसारक: यानी कमेंटेटर ने संस्कृत में खेल का वृत्तांत बताना शुरू किया।