मार्गशीर्ष अर्थात अगहन महीने में, माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने हर गुरुवार उनका व्रत किया जाता है और मनोभाव से उनकी पूजा की जाती है। इस वीडियो में हम आपको मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत की विधि बताने जा रहे हैं
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१ माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मार्गशीर्ष महीने में हर गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत का पालन किया जाता है
२ इस व्रत की विधि-पूजा हम सामान्य रूप से कर सकते है इसलिए किसी ब्राह्मण या पुरोहित की आवश्यकता नहीं होती। तथा व्रत रखने वाली व्यक्ति को दिन भर उपवास रखना होता है और सिर्फ पानी, दूध और फल ही खा सकता है
३ पूजा विधि शुरू करने से पहले माता लक्ष्मी की स्थापना करनी होती है, इसलिए जिस जगह पर माता लक्ष्मी की स्थापना करनी होती उस जगह को साफ सुधरा कर वहा पर रंगोली निकाली जाती है
४ इस रंगोली के ऊपर एक छोटी चौकी बिठाई जाती है फिर उसके ऊपर नया स्वच्छ लाल रंग का कपडा रखा जाता है, कपडे के ऊपर तांबे या पीतल का कलश रखा जाता है, इस कलश में पानी, दूर्वा और कुछ पैसे डाले जाते है और फिर पान या आम के पत्ते ऊपर रखकर बीच में नारियल रखा जाता है
५ कलश की स्थापना करने के बाद नारियल पर हल्दी कुमकुम लगाया जाता है, नारियल पर मंगलसूत्र बांध कर ऊपर चुनरी रखी जाती है (कुछ लोग माता लक्ष्मी का मुखवटा भी रखते है)। फिर चौकी पर पान सुपारी, फल और मिष्ठान रखे जाते है। साथ ही इस व्रत कथा की पुस्तक सामने रखकर पूजा प्रारंभ करनी चाहिए
६ माता लक्ष्मी की स्थापना करने के बाद दीप जलाकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए
शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ।।
दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ।।
७ धन संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस महा लक्ष्मी धन मंत्र का १०८ बार जाप करना चाहिए
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ।।
8 लक्ष्मी पूजन के बाद परिवार के सदस्यों के लिए महालक्ष्मी व्रत कथा का पठन करना चाहिए, कुछ लोग महालक्ष्मीजी की आरती और महालक्ष्मी अष्टक का नमन करते है, और प्रसाद स्वरूप देवी लक्ष्मी को नारियल और कमल फूल चढ़ाते है
9 माता लक्ष्म?