सिद्धिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। कहते हैं कि सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं। इस वीडियो में हम आपको मुंबई में स्थापित सिद्धिविनायक मंदिर की जानकारी देने जा रहे हैं
Don't forget to Share, Like & Comment on this video
Subscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY
१ भगवान गणेश को समर्पित सिद्धिविनायक मंदिर सपनों की नगरी मुंबई के प्रभादेवी में स्थित है
२ भगवान गणेश की जिन प्रतिमाओं की सूंड दाईं तरफ मुड़ी होती हैं वे सिद्धपीठ से जुडी होती है और उनके मंदिरों को सिद्धिविनायक मंदिर कहते है
३ सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं. मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं.
४ इस मंदिर की न तो महाराष्ट्र के 'अष्टविनायकों ’ में गिनती होती है और न ही 'सिद्ध टेक ’ से इसका कोई संबंध है, फिर भी यहां गणपति पूजा का खास महत्व है
५ मुंबई में स्थित इस मंदिर का निर्माण मूल रूप से १९ नवंबर १८०१ में लक्ष्मण विठू और देऊबाई पाटिल द्वारा बनाया गया था. यह मंदिर उस समय बहुत छोटा था
६ संतानहीन देऊबाई पाटिल ने इस मंदिर का निर्माण इसलिए करवाया ताकि अन्य पुत्रहीन महिलाएं पुत्र रत्न की प्राप्ति कर सके और इसी लिए इस मंदिर को यहाँ मराठी में "नवसाला पावनारा गणपति" कहा जाता है (जो हर मन्नत को पूरा करता है )
७ इस मंदिर के अंदर एक छोटे मंडप में भगवान गणेश के सिद्धिविनायक रूप की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की गई है. सूक्ष्म शिल्पाकारी से परिपूर्ण गर्भगृह के लकड़ी के दरवाजों पर अष्टविनायक को प्रतिबिंबित किया गया है. जबकि अंदर की छतें सोने की परत से सुसज्जित हैं.
८ सिद्धि विनायक की दूसरी विशेषता यह है कि वह चतुर्भुजी विग्रह है। उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक भरा कटोरा है।
९ गणपति के दोनों ओर उनकी दोनो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि मौजूद हैं जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का प्रतीक है। मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा है।
१० सिद्धिविनायक मंदिर में हर मंगलवार को भारी संख्या में भक्तगण गणपति बप्पा के द