हम में से ज्यादातर लोगों की एक बड़ी परेशानी है जो हर बार हर काम में रुकावट बनती है,अब ज्यादातर लोगों के अंदर यही खयाल आएगा कि जरूर ये कोई बहुत बड़ी परेशानी है हाँ ये बहुत बड़ी परेशानी ही है,वो ये कि हम में से ज्यादातर लोग बचपन से ही एक sentence सीखते हें कि "कैसे बचें".
धोखेबाजों से कैसे बचें,ज्यादा सोचने से कैसे बचें,कम सोचने से कैसे बचें,नुकसान होने से कैसे बचें,पड़ोसी से कैसे बचें,दुश्मनों से कैसे बचें,इस से कैसे बचें और उस से कैसे बचें.जिंदगी का 80 % हिस्सा बचने में लगाकर भी इंसान खुदसे नहीं बचता,और अंत में मृत्यु से नहीं बचता.
जिस दिन आपने ये ठान लिया कि मुझे बचना नहीं है सामना करना है.उस दिन से ही आप अपनी मुसीबत के हल निकालने भी सीखने लगोगे,ये जानते हुए कि इसी काम को हम जैसे ने ही बहुत अद्भुत तरह से कर के दिखा दिया है.
हम करते क्या हैं,यही सोच बैठते हैं कि कोई और हमें निकाल देगा,कोई और हमें सही रास्ता दिखा देगा.ये पक्का है कि आपको अगर अपने फैसलों पर शक है तो कोई आपको सही रास्ता भी बता दे तो वो भी आपके लिए व्यर्थ साबित होगा.जब तक आप संघर्स करना नहीं सीखोगे टैब तक जीतना भी नहीं सीख सकते.
मैंने lotus flowers को देखा जो कीचड़ में खिले शान से लहरा रहे थे वहां से ये सोचा कि
हम लोग जहां भी रहते हैं अक्सर ये सुना जाता है यहां का माहौल बड़ा खराब है